जज़्बा
हो सबमें कुछ करने का जज़्बा
कुछ बनने का सपना
हो सबका पूरा
हिम्मत न हारें क्योंकि
आने वाला है नया सवेरा
चमकेगा भाग्य का तारा
युध्दभूमि ही आमंत्रण देती
समय चक्रव्यूह रचाता
जीवन अब व्यर्थ न होगा
हर क्षण साहस से जुड़ा
असंभव तो बस मन का धोखा
सम्भावना को जो हमेशा रोकता
जीवन का लक्ष्य है अब पहचानना
कायरता से पीछे नहीं हटना
आये हैं कुछ करने के लिए
हम हैं न बूझने वाले दीए
ऐसा हो सबका जलता जज़्बा
कुछ बनने का सपना
हो सबका पूरा
- स्वाती सडंगी
very good swati.keep it up.
ReplyDeleteThanks a lot, Bapa! :)
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