कुछ लिखा है मैंने आज
बड़ी कोशिशों के बाद
जब मिले प्रेरणा के स्रोत अनगिनत
बन जाएँ जीवन के पल अनमोल
मुश्किलें भी लगे आसान
मन करे छूलूं आसमान
चुनिंदा शब्दों के साथ
कलम को पकड़ी मैं एक रात
लिखूँ तो लिखूँ क्या अब
भावनाएं मेरे करें मुझे निशब्द
खोलूँ मैं शब्दों का पिटारा
दिखता जैसे झिलमिलाता तारा
सजालूँ मैं उन्हें अब कागज़ पर
जिनसे मेरी हटी न नज़र
कुछ लिखा है मैंने आज
कई सदियों के बाद
very good swati.
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